Saturday, September 21

जयपुर। Rajasthan Pulse News
राजस्थान पुलिस के क्राइम ब्रांच के एडीजी दिनेश एमएन सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए वर्ष, 2023 के मुकाबले वर्ष, 2024 में हुए अब तक के अपराध के आंकड़ों की जानकारी दी है। इस डाटा के जरिए उन्होंने लोगों को समझाने की कोशिश की है कि पिछले 6 माह में अपराध का ग्राफ कम हुआ है। उनकी इस पोस्ट को लेकर राजनीतिक जानकार गहलोत सरकार के समय के बड़े अपराध पर निशाना लगाने से जोडक़र देख रहे हैं। दिनेश एमएन की इस पोस्ट पर अब सियासी गलियारों में चर्चाएं की जाने लगी हैं।

सोशल मीडिया पर की गई पोस्ट के अनुसार एडीजी दिनेश एमएन ने पिछले 6 माह में हुई फायरिंग को लेकर डाटा उजागर किया है। इस पोस्ट के साथ एडीजी ने राजस्थान पुलिस को बधाई भी दी है। आंकड़ों के साथ दिनेश एमएन ने इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा कि ‘2024 की पहली छमाही में गोलीबारी की घटनाओं में कमी लाने के लिए राजस्थान पुलिस को बधाई। राजस्थान पुलिस के निरंतर प्रयासों से इस वर्ष अपराधियों द्वारा गोलीबारी की घटनाओं में हत्या और घायल होने की घटनाओं में भारी कमी आई है। कांग्रेच्युलेशंस टू राजस्थान पुलिस।’

गौरतलब है कि प्रदेश में भजनलाल सरकार बनने के बाद आईपीएस दिनेश एमएन को क्राइम ब्रांच की कमान सौंपते हुए एडीजी बनाया गया। साथ ही प्रदेश में गैंगस्टर एक्ट जैसे कड़े कानून लागू कर अपराधों पर लगाम लगाने की कोशिश की गई है।

आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 में जून तक राज्य में फायरिंग के सबसे ज्यादा मामले दर्ज किए गए थे। इनकी संख्या 272 थी। इन फायरिंग की घटनाओं में 151 लोग घायल हुए थे जबकि 30 लोगों की मौत हो गई थी। इसी तरह वर्ष, 2023 जून तक यह मामले घट कर 265 रह गए, लेकिन इस समयावधि में घायलों की संख्या बढक़र 183 हो गई थी। जबकि मृतकों की संख्या 27 रही थी। वर्ष, 2021 के आंकड़ों के अनुसार जून तक फायरिंग के 223 मामले दर्ज किए गए थे। इनमें 129 लोग घायल हुए, जबकि 32 लोगों की मौत हो गई थी।

वर्ष, 2024 में फायरिंग के मामले हैं घटे
आंकड़ों में बताया गया है कि वर्ष, 2024 के अनुसार जून तक सिर्फ 154 मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें घायलों की कुल संख्या 74 और मृतकों की संख्या 15 है। पिछले साल के मुकाबले दर्ज मामलों की संख्या में तकरीबन 42 प्रतिशत की कमी है। वहीं घायलों की संख्या में करीब 60 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में करीब 45 प्रतिशत की कमी आई है। इसी तरह वर्ष, 2022 के मुकाबले वर्ष, 2024 में फायरिंग की संख्या में करीब 44 प्रतिशत, घायलों की संख्या में करीब 51 प्रतिशत और मृतकों की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी आई है

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