Wednesday, October 30

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज
ए.सी.बी. मुख्यालय के निर्देश पर प्रमोटी IAS के दौसा, जयपुर और कोटा स्थित ठिकानों पर एसीबी टीमों ने रेड डाली। कोटा के संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय आईएएस के विरूद्ध आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने के दर्ज प्रकरण में ये कार्रवाई की गई।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि ब्यूरो मुख्यालय को गोपनीय सूत्र सूचना मिली थी कि कोटा के संभागीय आयुक्त IAS राजेन्द्र विजय भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा अपने एवं अपने परिजनों के नाम से अपनी वैध आय से आनुपातिक रूप से अधिक चल-अचल संपत्तियां अर्जित की गई है, जिनकी अनुमानित बाजार कीमत करोड़ों रुपयों से ज्यादा है।

इस सूचना का एसीबी की इन्टेजिलेन्स शाखा द्वारा गोपनीय रूप से सत्यापन किया गया एवं तथ्यों की पुष्टि होने पर आय से अधिक संपत्तियां अर्जित का मामला बनना पाये जाने पर प्रकरण दर्ज किया गया। एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कालूराम रावत के सुपरवीजन में एसीबी जयपुर इकाई की स्पेशल यूनिट प्रथम के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़, अनुसंधान अधिकारी के नेतृत्व में सक्षम न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त किया।

एसीबी कोटा के अति.पु. अ. विजय स्वर्णकार, अति.पु.अ. मुकुल शर्मा एवं एसीबी दौसा के उ.अ.पु. नवल किशोर मीणा की विभिन्न टीमों ने एक साथ, आज अलसुबह आरोपी के जयपुर, कोटा एवं दौसा स्थित 4 विभिन्न ठिकानों पर तलाशी की कार्रवाई की।

IAS का गौरव टावर स्थित व्यावसायिक शोरूम

आरोपी IAS राजेन्द्र विजय के जयपुर स्थित आवास की तलाशी में 13 आवासीय / व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज (जिनमें टोंक रोड पर आलीशान मकान एवं “ZUDIO’ व्यावसायिक शोरूम नं. 7. ग्राउण्ड फ्लोर, जीटी गलेरिया, ब्लॉक-बी, अशोक मार्ग सी-स्कीम, जयपुर प्रमुख हैं), 2 लाख 22 हजार से अधिक की नगदी, 335 ग्राम सोने के आभूषण, 11 किलो 800 ग्राम चांदी के आभूषण एवं 3 चार पहिया वाहन मिले हैं। इसके अतिरिक्त अनेक बीमा पॉलिसियों में निवेश, एक बैंक लॉकर (जिसकी तलाशी ली जानी है) एवं 16 अलग-अलग बैंक खाते जिनमें लाखों रुपये जमा हैं, भी मिले हैं।

मकान जहां सर्च ऑपरेशन चलाया गया

ब्यूरो के प्राथमिक आकलन, प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं अब तक तलाशी में मिले दस्तावेजों के अनुसार आरोपी आईएएस राजेन्द्र विजय द्वारा अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के साधनों द्वारा करोड़ों रुपये की खरीद कीमत की अनेक चल-अचल परिसम्पत्तियां अर्जित करने का अनुमान है, जो उनकी वैध आय से आनुपातिक रूप से कहीं अधिक है। इसके अतिरिक्त आरोपी एवं उसके परिजनों द्वारा कई बेनामी परिसम्पत्तियों में निवेश के साक्ष्य मिले हैं, जिनकी जांच की जायेगी।

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