Sunday, September 22

जयपुर, राजस्थान पल्स न्यूज़

सरकार के विभिन्न विभागों से जुड़ी कैग (भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट पेश की गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के परिवहन सहित अन्य विभागों में जमकर धांधलिया रिकॉर्ड की गई हैं। कैग की इस रिपोर्ट में गहलोत सरकार के शासन में खनन, बिजली और परिवहन विभाग में वित्तीय अनियमितताएं बरते जाने की वजह से राजकोष को नुकसान पहुंचने का आंकलन किया गया है।

राजस्थान विधानसभा में पेश की गई कैग की इस रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के परिवहन विभाग के वाहन और सारथी एप्लिकेशन में शून्य से तीन किलोग्राम वजन वाले 15,570 वाहन प्रदर्शित किए गए हैं। सीएजी ने पाया कि 119 वाहनों को उनकी खरीद की तारीख से पहले रजिस्टर्ड किया गया था और वाहन एप्लिकेशन में 14 वाहनों का वजन 1 लाख किलोग्राम से अधिक होने का दस्तावेजीकरण किया गया था। इतना ही नहीं परिवहन विभाग की ओर से कार में 50 सीटें दर्शाई गईं और उस कार का वजन तीन किलो से कम बताया गया।

कुछ गाडिय़ों को उनकी खरीद तारीख से पहले ही रजिस्टर्ड किया गया था। इन गाडिय़ों में कुछ ऐसी त्रुटियां हैं, जिन्हें कैग के रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।

कैग ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘वाहन के अंदर डेटा की विश्वसनीयता सुनिश्चित करना, ऑडिट की तरफ से पहचाने गए मामलों को सुधारना और किसी भी अन्य समान अनियमितताओं को संबोधित करना महत्वपूर्ण है। इससे डेटा की अखंडता और सटीकता बनाए रखने में मदद मिलेगी।’ ऑडिट में 1,219 वाहनों की दर्ज की गई बैठने की क्षमता में त्रुटियां पाई गईं। इनमें से 120 मालवाहक वाहनों में 10,100 यात्रियों के बैठने की क्षमता दर्ज की गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि परिवहन विभाग ने 712 वाहनों को डुप्लिकेट चेसिस या इंजन नंबर के साथ रजिस्टर किया। रिपोर्ट में पाया गया कि सारथी ऐप में 18 साल से कम उम्र के बालकों को 166 लर्नर लाइसेंस जारी किए गए, जो नियमों के खिलाफ है।

कैग ने प्रदेश में अप्रेल, 2016 से मार्च, 2021 तक वाहन और सारथी के उपयोग के 10,14 लाख मामलों का ऑडिट किया है, जिसमें दोपहिया और तीन पहिया वाहनों को छोडक़र सभी वाहनों को शामिल किया गया।

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