Monday, September 23

कोलकाता डेस्क, राजस्थान पल्स न्यूज।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के प्रकरण की जांच अब सीबीआई करेगी। आज कोलकाता उच्च न्यायालय ने इसके आदेश जारी किए है। राज्य सरकार कल सुबह 10 बजे तक सीबीआई को मामले की डायरी और दूसरे रिकॉर्ड ट्रांसफर करेगी।

चीफ जस्टिस टी एस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने केंद्रीय एजेंसी को मामले की जांच सौंपते हुए केवी राजेंद्रन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया और कहा कि दुर्लभ मामलों में निष्पक्ष और सही जांच के लिए यह जरूरी है।

कोर्ट ने कहा कि हमने पुलिस को समय दिया होता, लेकिन मामला अजीब है। घटना के पांच दिनों के बाद भी कोई महत्वपूर्ण निष्कर्ष नहीं निकला है। इस बात की पूरी संभावना है कि सबूत नष्ट कर दिए जाएंगे। हमें यही सही लगता है कि मामले को तुरंत CBI को ट्रांसफर किया जाना चाहिए।

प्रिंसिपल के इस्तीफे पर उठे सवाल
उच्च न्यायालय ने घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ संदीप कुमार घोष के इस्तीफे और दूसरी कॉलेज में उनकी नियुक्ति पर भी सवाल उठाए। न्यायालय ने कहा कि यह जानकर दुख होता है कि घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन और तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप कुमार घोष सक्रिय नहीं थे।

प्रिंसिपल ने अपना इस्तीफा दे दिया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनके इस्तीफे पर क्या आदेश जारी किए गए थे। बल्कि इस्तीफे के 12 घंटे के भीतर 12 अगस्त को उन्हें एनएमसी, कोलकाता का प्रिंसिपल बना दिया गया। यह समझना मुश्किल है कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया और दूसरे मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बनाने की क्या जल्दी थी।

न्यायालय की दो टूक: प्रिसिंपल को घर भेजो
उच्च न्यायालय ने डॉ संदीप कुमार घोष को छुट्टी पर जाने का आदेश दिया है। न्यायालय ने बंगाल सरकार से कहा कि उनको लंबी छुट्टी पर भेजिए। ऐसा नहीं हुआ तो हमें ऑर्डर पास करना पड़ेगा। उन्हें घर पर रहना चाहिए, कहीं काम करने की जरूरत नहीं है।

न्यायालय ने सरकार से यह सवाल भी पूछा है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से अब तक पूछताछ क्यों नहीं की है। उच्च न्यायालय ने कहा कि जांच में कुछ मिसिंग है। जब डॉ. संदीप घोष ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफा दिया था, तो उन्हें इस्तीफे के तुरंत बाद दूसरे मेडिकल कॉलेज में कैसे नियुक्त किया जा सकता है? उनसे सबसे पहले पूछताछ होनी चाहिए थी, जबकि ऐसा नहीं हुआ।

ट्रेनी डॉक्टर को बताया था बेटी की तरह 
डॉ संदीप घोष ने सोमवार (12 अगस्त) को यह कहते हुए इस्तीफा दिया था कि ट्रेनी डॉक्टर उनकी बेटी की तरह थी। एक पेरेंट के रूप में, मैं इस्तीफा दे रहा हूं। हालांकि, 12 घंटे भीतर राज्य सरकार ने उन्हें कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल का प्रिंसिपल नियुक्त कर दिया। इसके लेकर डॉक्टर्स काफी नाराज हैं।

कलकत्ता उच्च न्यायालय  ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस से जुड़ी कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इनमें एक याचिका ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता की शामिल है, जिसमें उन्होंने अपनी बेटी की मौत की जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की थी।

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