जयपुर, आदित्य बिड़ला कैपिटल की ऋण देने वाली सहायक कंपनी आदित्य बिड़ला फाइनेंस लिमिटेड (एबीएफएल) ने एमएसएमई के लिए एक इनोवेटिव वन-स्टॉप बिजनेस प्लेटफॉर्म उद्योग प्लस लॉन्च किया है।
इस अवसर पर कंपनी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि यह नया बी2बी डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘उद्योग प्लस’ राजस्थान के बढ़ते एमएसएमई क्षेत्र के लिए फाइनेंस संबंधी समाधान की एक व्यापक रेंज प्रस्तुत करता है। इनमें फाइनेंसिंग, सुरक्षा, निवेश, सलाहकार और मूल्य वर्धित सेवाएं शामिल हैं। उद्योग प्लस के माध्यम से एबीएफएल का लक्ष्य राजस्थान में एमएसएमई की वृद्धि और विकास को सुविधाजनक बनाना है।
इसके लिए उन्हें महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। यह प्रक्रिया अत्यंत आसान और पूरी तरह कागज रहित होगी। इस तरह एमएसएमई को सशक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि ऋण देने के परिदृश्य में वित्तीय समावेशन और डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जा सके।
राजस्थान में एमएसएमई अब उद्योग प्लस की पूरी तरह से कागज रहित डिजिटल यात्रा के माध्यम से 10 लाख रुपए तक का व्यावसायिक ऋण प्राप्त कर सकते हैं। असुरक्षित व्यावसायिक ऋणों के अलावा, प्रमोटरों, मालिकों और कर्मचारियों सहित एमएसएमई का संपूर्ण इको सिस्टम उद्योग प्लस द्वारा दी जाने वाली विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकता है, जैसे जरूरत के अनुसार सुरक्षित ऋण, बीमा, निवेश समाधान आदि।
इस अवसर पर एबीएफएल के एमडी और सीईओ राकेश सिंह ने बताया कि दो लाख तक के बिजनेस लोन के लिए उपभोक्ता को कोई दस्तावेज देने की जरुरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि उद्योग प्लस उन्हें सफलता के नए मुकाम हासिल करने के लिए सशक्त बनाएगा। राजस्थान अब 26 लाख से अधिक एमएसएमई का घर है, जो बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्रदान करता है। इस मंच के माध्यम से हमारा लक्ष्य एमएसएमई क्षेत्र में एबीएफएल की पकड़ को और मजबूत करना है। साथ ही उन्हें उनके व्यावसायिक जीवन चक्र के दौरान सॉल्यूशंस की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करना और राजस्थान की उद्यमशीलता की भावना को प्रोत्साहित करना भी हमारा मकसद है।’’
एमएसएमई क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2023 में 11.6% से अधिक की आर्थिक वृद्धि हासिल करके और चार मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार देकर राजस्थान की अर्थव्यवस्था को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रगति में योगदान करते हुए राजस्थान 13.11 लाख से अधिक पंजीकृत एमएसएमई खातों के साथ सबसे आगे है और जयपुर भी 21 प्रतिशत खातों के साथ अग्रणी है।