बीकानेर, राजस्थान में बीकानेर शहर की उस्ता कला और कसीदाकारी ख्याति अब अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर फैलेगी। इन कलाओं को भौगोलिक संकेतक (जीआई) प्रमाणीकरण मिल गया है।
जिला उद्योग केन्द्र की प्रबंधक मंजू नैण गोदारा ने बताया कि जिला कलक्टर के निर्देश के बाद इन कलाओं से जीआई प्रमाणीकरण के लिए आवेदन लिए गए थे। इसके लिए नार्बाड से वित्तीय सहयोग लिया गया था। इसके बाद एनजीओ के माध्यम से उस्ता आर्ट संस्था और कसीदाकारी कला को पंजीयन किया गया था।
उन्होंने बताया कि गत एक अगस्त को इन कलाओं को जीआई टैग जारी हो गया था, अब जल्द ही इनके प्रमाणपत्र आ जाएंगे। जिला उद्योग की महाप्रबंधक के अनुसार भौगोलिक संकेतक के लिए उन कलाओं को शामिल किया जाता है जो सौ साल पुरानी है। साथ ही किसी एक स्थान की पहचान बन गई है। उस्ता कला बीकानेर की एक अलग पहचान बनाती है। जीआई टैग मिलने के बाद इस क्षेत्र में रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। इनकी पहचान भी अन्तरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचेगी। साथ ही यह सीमित दायरे से निकलेगी।