Friday, November 22

बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज़।

कोलायत तहसील के सियाणा गांव में आज बाबा भैरवनाथ का मेला भरा। सुबह से ही दर्शनार्थियों की कतारें लगी है। मंदिर में पहुंचे श्रद्धालुओं ने भैरुंजी का तेलाभिषेक किया। तेल-सिन्दुर लगाकर भैरुंजी के दरबार में मत्था टेका। अपनी मन्नतें मांगी। वहीं मंदिर में जात-झड्‌डुला की परम्परा निभाई गई। इस अवसर पर महिलाएं और पुरुषों का जमावड़ा रहा। भैरुजी के नारियल, मिश्री, चूरमा का भोग लगाया। मंदिर सुबह से ही भजन-सत्संग का सिलसिला चल रहा है। भैरुंनाथ के जयकारों की गूंज है।

बड़ी संख्या में पहुंचे पदयात्री
सियाणा बाबा के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग बीकानेर और आसपास के गावों से पैदल यात्र कर पहुंचे हैं। इसी बीच पैदल यात्रियों की सेवा के लिए रास्ते में कई स्थानों पर सेवा शिविर लगाएं गए। सेवाएं सात सितंबर से शुरू हो गई थी। बीकानेर से शुरू हुए सेवा शिविर सियाणा तक रहे। बीकानेर से कई श्रद्धालु तेलाभिषेक के लिए तेल की कांवड़ लेकर सियाणा तक पैदल पहुंचे हैं।

कई स्थानों पर आज भंडारे
सियाणा भैरव मंदिर के आसपास आज कई स्थानों पर भंडारे चल रहे हैं। मुख्य भंडारे में हलवा-चावल, दाल का प्रसाद बनाया गया है। वहीं अलग-अलग स्थानों पर सियाणा में आज भंड़ारों में कई तरह के पकवानों का महाप्रसाद बनाया गया है। जहां पर श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करेंगे। मंदिर में अल सुबह से ही पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया था, जो देर रात तक चलेगा। शाम को बड़ी पूजा , दिवंगत द्वारका दास छंगाणी परिवार की ओर से विशेष शृंगार पूजा अर्चना की जाएगी। बाबा की महा ज्योत होगी और प्रसाद होगा।

सुबह से ही बसों  की रवानागी
सियाणा दर्शन के लिए नत्थूसर गेट से बसों का संचालन किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बसों से सियाणा धाम पहुंचे और बाबा के दरबार में मत्था टेकर मन्नत मांगी। सियाणा मेले को लेकर शहर में दिनभर रेलमपेल रही।

पूनरासर का मेला कल
पूनरासर गांव में कल मेला भरेगा। हनुमानजी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु बीकानेर से पैदल गए है। कल पूनरासर हनुमानजी के धोक लगाकर मन्नत मांगेंगे। हनुमानजी के चूरमे का भोग लगाएंगे। नारियल प्रसाद लगाएंगे। जात-झड्‌डुलों  की परम्परा निभाई जाएगी। मेले के लिए एमएम ग्राउण्ड से बसों की व्यवस्था की गई है। जहां से किफायती किराए में रोडवेज की बसें संचालित की जा रही है। स्पेशल बसें कल भी चलेगी।

Exit mobile version