बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज़
वातावरण प्रदूषण से मुक्त रहे इसके लिए पर्यावरण प्रेमियों ने एक संकल्प ले रखा है। यही वजह है कि धोरों की धरती को भी हरा-भरा करने की मन में ठान कर अपने काम में जुटे है। पर्यावरण संरक्षकों की मेहनत का फल है कि आज बीकानेर के सुजानेदसर क्षेत्र में गोचर भूमि में दूर तक फैली हरियाली आंखों को सुकून देती है। इस धरा को हरा-भरा बनाए रखने के लिए प्रयास लगातार जारी है। वर्तमान में इस गोचर में दो लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें नगर निगम, नगर विकास न्यास और वन विभाग से समन्वय करके भागीरथ नंदनी के कार्यकर्ता दिनरात जुटे हैं। बीते एक साल में अब तक इस भूमि पर 50 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। अभी तक डेढ़ लाख पौधे और लगाए जाने प्रस्तावित है।
एसटीपी प्लांट के शोधित पानी से पनप रहे पौधे
खास बात यह है कि गोचर क्षेत्र में दूषित पानी को शोधन करने के लिए एसटीपी प्लांट लगा हुआ है, इसके आसपास यह पौधे लगाए जा रहे है, ताकि शोधित पानी का उपयोग पेड़ो को पिलाने के पूरी तरह से काम आ जाए। भागीरथ नंदनी संस्थान पदाधिकारी इन पौधों की देखरेख भी कर रहे हैं। पहले चरण में पांच बीघा तक फैले भू भाग में यह पौधे लगाए गए हैं। संस्थान के मिलन गहलोत के अनुसार पर्यावरण संरक्षण के इस कार्य के लिए तात्कालीन कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने भी पूरा सहयोग कराया, इसका परिणाम है कि आज पेड़ हरे भरे हो रहे हैं। उस दौरान सीवरेज का पानी व्यर्थ एकत्रित होकर वातावरण को दूषित कर रहा था। इसका सही उपयोग अब हो रहा है। संस्था का दावा है कि इस साल के अंत तक यहां पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा हो जाएगा।
गायों के लिए चारा
पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि पेड़ों के साथ-साथ यहां पर गायों के लिए हरा चारा मुहैया कराने के लिए पौधों के बीच में घास के बीज दिए जा रहे हैं, ताकि गायों के लिए हरे चारे की व्यवस्था हो सके।
अभी भी यह समस्या है
भागीरथ नंदनी के मिलन गहलोत ने बताया कि सीवरेज के पानी को शोधन करने का काम तो चल रहा है। लेकिन चांदमलजी बाग, मोडजी का भट्टा दोनों का पानी पूर्व में बनाई गई डिग्गियों आता है, वो ओवर फ्लो होकर पूरा दूषित पानी गोचर परिसर में ही एकत्रित हो रहा है, इस पानी पर मच्छरों ने डेरा जमा लिया है। इस पानी का सपयोग किया जाना चाहिए। गहलोत ने मांग उठाते हुए कहा है कि पश्चिम क्षेत्र के विधायक गोचर का अवलोकन करने के लिए आए और हाल ही में बीकानेर के लिए जो बजट घोषित हुआ है, उसमें इस व्यर्थ एकत्रित हो रहे पानी के सदपयोग की योजना बनाई जाए। ताकि पूरा क्षेत्र हरा-भरा हो जाए। इस पानी का शोधन कर इसको गोचर में देने से गायों के लिए भी चारा हो जाएगा, और पेड-पौधे पनपेंगे, तो वातावरण भी शुद्ध हो जाएगा।