Wednesday, October 30

बीकानेर। Rajasthan Pulse News

शहर में चल रहा सीवरेज का कार्य स्कूली बच्चों के लिए परेशानी का सबब बन गया। लंबी छुटि्टयों के बाद आज स्कूल खुले है। जगह-जगह क्षतिग्रस्त पड़ी सड़कों के कारण स्कूली वाहन बच्चों के घर के आगे तक नहीं पहुंच पाए। कई मोहल्ले ऐसे है, जहां पर संकरी गली में भी सीवरेज के लिए सड़क को खोद दिया है, लेकिन सीवरेज डालने के बाद भी सडक का डामरीकरण नहीं हुआ। यह खुले गड्ढ़े हादसो को न्यौता दे रहे हैं। कहने को उनके आसपास बेरिकेट लगाए गए है, लेकिन शनिवार को हुई भारी बारिश ने व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी। वहीं ऐसा लगता है मानो गड्ढ़े खोदने के बाद उन पर डामरीकरण करना तो जैसे भूल ही गए है।

बच्चों के लिए मुश्किल…
आज एक जुलाई से बच्चों के स्कूल खुल गए। ऐसे में शहरी क्षेत्रों में लगभग निजी स्कूलों की मीनी बसें, ऑटो इत्यादि घरों तक बच्चों को लेने आते है, लेकिन क्षतिग्रस्त सड़कों के चलते निर्धारत स्थान तक वाहन नहीं पहुंच पाए, ऐसे में परिजनों को बच्चों को अपने स्तर पर स्कूल पहुंचाना पड़ा, समय पर नहीं निकलने कारण स्कूल पहुंचने में देरी भी हुई। कई परिजनों को घर से पैदल चलकर स्कूल वाहन तक बच्चों को छोड़ना पड़ा। स्कूल वाहन चालक अर्जुन ने बताया कि सीवरेज डालने के लिए जो गड्ढ़े खोद रखे है, वहां बारिश के बाद और परेशानी हो खड़ी हो गई है। जैसे ही वाहन को इसके पास से लेकर गुजरने का प्रयास करते है, तो धंसने की आशंका बनी रहती है। वहीं स्कूल वाहन चालक रवि चौधरी ने बताया आज स्कूल खुलने के पहले ही दिन काफी परेशानी सामने आई। निर्धारित समय से पहले ही घर से निकले, इसके बावजूद बच्चों के घरों तक समय पर नहीं पहुंच पाए, इसकी मुख्य वजह है कि सड़कें क्षतिग्रस्त है। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। वाहन चालक ने रोष जताते हुए कहा कि पूरे शहर में हालात बदतर है। फिर बात केईएम रोड, कोटगेट, तेलीवाड़ा, बिन्नाणी चौक, डागा चौक, आसानियों का चौक, बांठियां चौक, नाहटा चौक, दम्माणी चौक सहित पूरा शहर ही इस परेशानी को झेल रहा है। इन मोहल्लों में सीवरेज का कार्य हो चुका है,वहां सड़कों पर डामरीकरण करवाना चाहिए था। लेकिन जो संबंधित फर्म, या निगम प्रशासन इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है। इसका खमियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।


निर्धारित नहीं है समय…
सीवरेज डालने के लिए निर्धारित समय नहीं है। कभी एक गली तो कभी दूसरी गली में सड़क को खोदकर छोड़ देते हैं। इससे राहगीरों को परेशानी होती है, बजाय इसके काम शुरू करने से पहले वहां पर कोई सूचना चस्पा करनी चाहिए कि आज यहां पर काम चलेगा, जो इतने दिनों तक चलेगा। ताकि आने जाने वालों को ध्यान रहे और उनका समय और श्रम बच सके। जानकारी के अभाव में लोग उन गलियों से निकलते है और परेशानी झेलते हैं।

नहीं ली कोई सुध…
बताया जा रहा है कि सीवरेज का कार्य नगर निगम के तत्वावधान में कराया जा रहा है। लेकिन जो फर्म सीवरेज डालने का काम कर रही है, वो बाहर की है। ऐसे में जिन मोहल्लों में सीवरेज डाले एक माह या उससे भी ज्यादा का समय बीत चुका है, वहां भी सड़कों के डामरीकरण का कार्य नहीं हुआ है। दिन में कई बार दुपहिया वाहन चालक भी टूटी सड़कों के कारण फंस जाते हैं। बारिश ने भी आग में घी डालने जैसे काम करी है। सबसे अधिक परेशानी वरिष्ठ नागरिकों को हो रही है, जो पैदल ही अपने घर से निकल कर मंदिर जाते है, उनको भारी परेशानी इनके कारण हो रही है।

कई बार टूट गई पाइप लाइन
सीवरेज की खुदाई के दौरान शहरी क्षेत्र में कई बार पेयजल सप्लाई की लाइनें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। सड़क खोदते समय पानी लाइनें चपेट में आ जाती है। बीते दिनों दम्माणी चौक की तरफ सीवरेज खुदाई के दौरान पेयजल आपूर्ति की मुख्य पाइप लाइन टूट गई थी, इस कारण आसपास के क्षेत्रों में पानी की किल्लत खड़ी हो गई थी। यह हालात एक आध जगह पर नहीं है, अधिकांश स्थानों पर यही विकट समसया है। इसके बावजूद प्रशासन और जनप्रतिनिधि इसकी सुध नहीं ले रहे हैं

Exit mobile version