Saturday, November 23

बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज।

हे! मां तेरी जय हो। तेरे अटलक्षत्र की जय हो। भजन की यह पंक्तियां इन दिनों साकार हो रही है। अवसर है शारदीय नवरात्रा का। एक ओर जहां देवी मंदिरों में पूजा-अर्चना, अनुष्ठान का सिलसिला चल रहा है। घरों में भी नवरात्रा उपवास के संकल्प लिये आस्थावान लोग देवी आराधना कर रहे हैं। शहर में कई स्थानों पर रामचरित्र मानस पाठ की चौपाइयां गूंज रही है, तो कहीं माता रानी के भजनों के स्वर। मोहता चौक, लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर के संतोषी माता पार्क में रामलीला का मंचन चल रहा है।

यहां सजे है माता के दरबार
कोलकाता महानगर की तर्ज पर बीकानेर में भी दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है। यहां पर भीतरी परकोटे में कई स्थानों पर देवी माता के पंड़ाल सज गए हैं। जहां पर माता रानी की प्रतिमाओं का अवतरण हो गया है। शहर में मोहता चौक, तेलीवाड़ा, सूरदासाणी गली, लखोटिया चौक, सर्राफा बाजार, नत्थूसर गेट के अंदर बाहर, सदाफतेह के समीप विष्णु देरासरी के निवास पर दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है।

मोहता चौक में लगा माता का दरबार
सूरदासनी गली भवन के पास औझा चौक में सजा माता का दरबार
रानी बाज़ार के शर्मा कॉलोनी स्थित बंगाली मंदिर में स्थापित माँ दुर्गा की प्रतिमा

बंगाली परम्परा के अनुसार पूजन
वहीं रानी बाजार क्षेत्र में बंगाली मंदिर में बंगाल की तर्ज पर दुर्गापूजा महोत्सव मनाया जा रहा है। शर्म कॉलोनी स्थित बंगाली मंदिर में आज देवी प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के अनावरण हुआ। बीकानेर बंगाली समाज संस्थान मंदिर के अध्यक्ष संदीप साह ने बताया कि आज अल सुबह देवी प्रतिमा स्थापित की गई। साथ ही आरती हुई। इसके साथ ही परम्परागत रूप से पूजा महोत्सव शुरू हो गया।  वहीं कल महासप्तमी की पूजा होगी। इसमें पुष्पांजलि, प्रसाद वितरण होगा। शाम को आरती होगी।  शुक्रवार को महाष्टमी और नवमीं की पूजा होगी। वहीं 12 अक्टूबर को दशमी पूजन किया जाएगा। दोपहर में सिन्दुर खेला की रस्म निभाई जाएगी। उसी दिन अपराह्न बाद प्रतिमा का विसर्जन होगा।

तेलीवाड़ा चौक में माता के दर्शन
लखोटिया चौक में भक्तों ने लगाया माँ का दरबार

परकोटा में यहां बंगाली परम्परा
शहर के भीतरी परकोटे में रत्ताणी व्यासों के चौक से सदाफतेह की तरफ जाने वाले मार्ग पर विष्णु देरासरी के आवास पर भी बंगाल की परम्परा के अनुसार दुर्गा पूजा महोत्सव मनाया जा रहा है। आयोजन से जुड़े अभिषेक देरासरी ने बताया कि बंगाल के कृष्ण नगर से प्रतिमा लाई गई है। यहां पर अष्टमी और नवमी पर विशेष पूजन होगा। विजय दशमी 12 अक्टूबर को सिन्दुर खेला की परम्परा निभाई जाएगी। उसी दिन दोपहर बाद में प्रतिमा विसर्जन होगा।

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