बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज।
शक्तिपीठ देशनोक में आज मां करणी के महाप्रसादी का भोग लगाया गया। श्री करणी मंदिर निजी प्रन्यास के अध्यक्ष बादल सिंह के अनुसार पंडित नरोत्तम दास मिश्रा ने सुबह विधिवत पूजा-अर्चना कराई। मां करणी को मंत्रोच्चार करवाकर पोशाक धारण करवाई । इसके बाद 15000 किलोग्राम के हलुआ का भोग लगाया गया।
महाप्रसादी का आयोजन पुष्पा कंवर आढ़ा और डॉ. कैलाश सिंह चारण आसावत परिवार खिंनावड़ी जैतारण की ओर से करवाया गया। डॉ. कैलाश दान ने बताया कि मां करणी की लीला अपरम्पार है। आज मां करणी के आशीर्वाद से महाप्रसादी का आयोजन हुआ है। महाप्रसादी का विधिवत पूजा-अर्चना भोग लगाने के बाद पूरे देशनोक कस्बे और श्रद्धालुओं में वितरित किया जाता है। इससे पहले मंगलवार शाम को भव्य भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें देर रात तक मां करणी की चिरजाओ का गुणगान किया गया।
महाप्रसाद के लिए हलवा, बूंदी या लापसी का भोग लगता है। पवन कुमार पंचारिया के अनुसार इसके लिए मिश्रण, अनुपात और वजन सब तय होता है। करीब 37 क्विंटल चीनी, 20 क्विंटल आटा, 113 टिन देसी घी और करीब सवा क्विंटल मेवे का मिश्रण होता है। इस महाप्रसादी में केवल मंदिर के अंदर बनी बावड़ी के बरसाती पानी का ही उपयोग होता है।
रियासकालीन दौर में शुरू हुआ
मंदिर प्रन्यास ट्रस्ट के उपाध्यक्ष सीतादान बारहठ इस महाप्रसादी के इतिहास पर बात करते हुए कहते हैं कि देशनोक मंदिर में बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह के समय से यह परंपरा शुरू हुई। अपनी मन्नत पूरी होने पर लंबे समय तक केवल राज परिवार ही यह आयोजन करता था। अब श्रद्धालुओं में भी आस्था है, मन्नत पूरी होने पर महाप्रसादी होती है।