बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज़
‘गुरु गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांव।
बलिहारी गुरु अपने गोविन्द दियो बताय…
गुरुजन के सम्मान में कबीर की लिखी ये पंक्तियां आज साकार हो रही है। अवसर है गुरु पूर्णिमा का। आज सुबह से आस्थावान अपने-अपने गुरुजनों के यहां पहुंचकर उनका पूजन-वंदन किया। कई लोगों ने शिव मंदिर, हनुमानजी मंदिरों में पूजा-अर्चना की। बीकानेर में शहर में गुरु-शिष्य परम्परा का आज भी निर्वाह किया गया। नत्थूसर गेट बाहर स्थित लालीमाई की बागेची में आज समाधी स्थल पर पूजा-अर्चना की गई। पूर्व को लेकर सुबह से ही मंदिर परिसर में भीड़ रही। लालीमाई की समाधी पर धोक लगाकर लोगों अपनी मन्न्त मांगी, आशीर्वाद लिया। पूजा-अर्चना का दौर दिनभर चला। समाधी पर पुज्य नथमलजी पुरोहित और पुज्य पुजारी बाबा के सानिध्य में यहां रुद्र अभिषेक किया गया। श्रद्धालुओं ने भजनों की प्रस्तुति दी।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में महानगरों से पुगलिया परिवार के लोग यहां आए। मुंबई से अशोक, शिवकुमार,जोधपुर से पुरुषोत्तम हैदराबाद के इंद्र कुमार,कोलकाता से घनश्याम दास,राजेश, श्रीरतन आदि शामिल हुए।
यहां भी कार्यक्रम
कर्मकाड़ी, विद्वान पंडि़त नथमलजी पुरोहित के निवास पर पहुंचकर शिष्यों ने पूजन वंदन किया। गुरुजन का आशीर्वाद लिया। सुबह से ही गुरुवर के आवास पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
गायत्री मंदिर में पूजन-भंडारा
नत्थूसर गेट बाहर स्थित गायत्री माता मंदिर में जुगलकिशोर ओझा(पुजारी बाबा) के सान्निध्य में गुरु पूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। इस दौरान आस्थावान श्रद्धालुओं ने गुरु पूजन किया। गुरु शिष्य परम्परा का निर्वाह करते हुए पुजारी बाबा का पुष्प मालाओं से अभिनंदन किया। शाम मंदिर परिसर में महाप्रसादी का आयोजन हुआ। इसमें शहर से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
मातेश्री भवन में गुरु पूजन
उस्ताबारी बाहर मातेश्री भवन में गुरु पूजन का आयोजन किया गया। इसमें गुरु भक्तों ने ज्योतिषाचार्य राजेन्द्र व्यास (मम्मू महाराज) का पूजन किया। पुष्प हार पहनाकर उनका अभिनंदन किया। यह सिलसिला सुबह से शाम तक चला। इस दौरान महाप्रसादी का आयोजन हुआ। इसमें बड़ी संख्या में गुरुभक्त, नगर के गणमान्य लोग शामिल हुए।
गुरु भक्ति खींच लाती है
गुरु पूर्णिमा पर विशेष रूप से कोलकाता से बीकानेर आए प्रवासी समाजसेवी नारायण भूतड़ा ने बताया कि वो हर साल गुरु पूर्णिमा को अपने गुरुवर मम्मू महाराज के धोक लगाने आते हैं। भूतड़ा ने कहा कि गुरु-शिष्य का अनुठा रिश्ता होता है। जीवन में हर गुरु होना जरूरी है, जो सत मार्ग पर चलने की राह दिखाते हैं। गुरु पूजन में कोलकाता से सुशील मूंधड़ा, काजू मूंधड़ा, लालजी आसोपा, बीकानेर के दीपक जोशी, संजू भूतड़ा सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। वहीं देवीकुंड सागर सहित मंदिरों, मठों और आश्रमों में गुरु पूजन का पर्व मनाया गया।
द्वारिकाधीश मंदिर में गुरु पर्व
बिस्सा चौक स्थित द्वारिकाधीश मंदिर परिसर में पंडि़त दुर्गादत्त व्यास के सान्निध्य में गुरु पर्व मनाया गया। इस दौरान गुरुभक्तों ने पंडि़त दुर्गादत्त का पूजन-अभिनंदन किया। बूंदी का प्रसाद वितरण किया गया।