Friday, November 22

साढ़े सात साल पहले का बीछवाल थाने का है मामला

बीकानेर। Rajasthan Pulse News

साढ़े सात साल पहले बीछवाल थाना क्षेत्र में हुई हत्या के मामले में न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश संख्या-1 की पीठासीन अधिकारी वमिता सिंह ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अभियुक्त को बीस हजार रुपए का अर्थदण्ड भी लगाया है। जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

अपर लोक अभियोजक वाहिद अली सैयद के अनुसार अभियुक्त प्रेमप्रकाश पुत्र बृजलाल निवासी जांगलू ने आज से करीब साढ़े सात साल पहले रामपुरा रेलवे फाटक के पास अपने ससुर भंवरलाल पर फायर करके उनकी हत्या कर दी थी। प्रकरण हत्या का था, इसलिए सेशन कोर्ट में विचाराणीय योग्य था। अभियुक्त के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की धारा-302 और आयुध अधिनियम की धारा-3/25 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। इस प्रकरण में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 10 गवाहों के बयान करवाए गए। वहीं 34 दस्तावेज बतौर साक्ष्य पेश किए गए। न्यायालय ने समस्त गवाहों और साक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए अभियुक्त प्रेमप्रकाश को दोषसिद्ध करार दिया।

न्यायालय ने भारतीय दण्ड संहिता की धारा-302 में अभियुक्त को आजीवन कारावास और बीस हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया। अर्थदण्ड अदा नहीं करने पर छह महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश भी दिया। वहीं आयुध अधिनियम की धारा-3/25 में 3 वर्ष का साधारण कारावास और 5 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर अभियुक्त को तीन महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

न्यायालय ने मृतक की पत्नी कमला देवी को पीडि़त प्रतिकर योजना के तहत नियमानुसार प्रतिकर दिलाए जाने की अनुशंसा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पत्र प्रेषित करने के आदेश भी दिए।

ये था प्रकरण
प्रकरण के अनुसार 4 मई, 2016 को सतपाल की ओर से बीछवाल पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसमें परिवादी की ओर से कहा गया था कि उसकी छोटी बहिन मंजू की शादी जांगलू निवासी प्रेमप्रकाश पुत्र बृजलाल के साथ की गई थी। मंजू के देहांत के बाद उससे छोटी बहिन राधा का विवाह प्रेमप्रकाश के साथ कर दिया गया था। शादी के दिन से प्रेमप्रकाश राधा को तंग परेशान करता था। जिस पर उसके पिता भंवरलाल और अन्य रिश्तेदारों ने समझाइश भी की लेकिन प्रेमप्रकाश नहीं माना। बाद में राधा की ओर से प्रेमप्रकाश पर दहेज के लिए तंग परेशान करने का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। जिससे प्रेमप्रकाश उसके परिवार से रंजिश रखने लगा था।

परिवादी के पिता भंवरलाल आरएसी में हवलदार पद पर थे और उस दौरान वे ट्रेनिंग सेन्टर में पदस्थापित थे। 4 मई, 2016 की शाम करीब सात बजे उसके पिता ड्यूटी पूरी कर अपने घर लौट रहे थे। वे रामपुरा रेलवे फाटक के पास पहुंचे ही थे कि वहां आए प्रेमप्रकाश ने उन पर देशी पिस्टल से दो-तीन फायर कर दिए। तब वहां खड़े रामेश्वरलाल, निहालचंद आदि उसे अस्पताल ले गए थे। जहां चिकित्सकों ने उसके पिता भंवरलाल को मृत घोषित कर दिया था।

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