Sunday, September 22

बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज़

“नंद के आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की, हाथी दीजे-घोड़ा दीजे और दीजे पालकी…सोमवार की रात घड़ी की सुइयां रात को जब 12 बजा रही थी। तब मानो पूरा वातावरण ही ऐसे जयकारों से कृष्णमय हो गया। अवसर था साक्षात द्वारिकाधीश के अवतरण का। “कान्हा” के जन्म की खुशी में पूरा शहर ही झूम उठा। आनंदित हो उठा। चहुओर वातावरण में नंद के आनंद के जयकारों के साथ ही थालियां बजने की करतल ध्वनि भी कानों को शुकून दे रही थी। यशोदा के लाल के जन्म पर आस्थावान लोगों ने थालियां बजाकर, शंख नाद कर अपनी खुशी का इजहार किया। मंदिरों में पंचामृत से कान्हा का अभिषेक किया गया। आरती के बाद पंचामृत और पंजीरी का प्रसाद वितरण किया गया। गली-गली में दंभी कंस का प्रतीकात्मक वध किया गया। लोगों ने एक दूसरे को बधाइयां बांटी।

इन मंदिरों में रही धूम
नगर सेठ लक्ष्मीनाथ मंदिर परिसर में मथुरा से आए कलाकारों ने कृष्ण लीला को मंच पर साकार किया। मंदिर में भव्य कंस बनाया गया। वहीं मरुनायक मंदिर, बड़ा और छोटा गोपालजी मंदिर में जन्माष्टमी उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मंदिरों को रंगीन रोशनियों से सजाया गया। जस्सूसर गेट बाहर स्थित लक्ष्मीनाथ मंदिर में कृष्ण जन्म के अवसर पर भारी भीड़ रही। एमएम ग्राउंड के समीप स्थित राम मंदिर, तुलसी सर्किल स्थित मंदिर , भीनासर के मुरलीधर मनोहर मंदिर, गंगाशहर, सुजानेदसर सहित अलग-अलग स्थानों पर स्थित मंदिरों में जन्माष्टमी की धूम रही।

रांगड़ी चौक में गजेन्द्र मोक्ष लीला की झांकी
शहर में कई स्थानों पर विशेष झांकियां सजाई जा रही है। रांगड़ी चौक में इस बार गजेन्द्र मोक्ष लीला का चित्रण करते हुए झांकी सजाई गई थी, जिसको देखने के लिए मानो पूरा शहर उमड़ पड़ा। यहां पर 10 फीट का हाथी और 12 फीट का मगरमच्छ बनाया गया है। इसके साथ ही 22 फीट का कैलाश पर्वत, भगवान श्रीराम की प्रतिमा, 20-20 वल्ड कप क्रिकेट सहित कई तरह की आकर्षक झांकियां सजाई इस बार आकर्षण रहे।

गोगागेट सर्किल पर गोवर्धन की झांकी
गोगागेट सर्किल स्थित रेवती रमण शर्मा के आवास पर इस बार श्रीगिरिराज गोवर्धन पर केंद्रित झांकी सजाई गई। शाम ढलने के साथ ही झांकी को देखने के लिए लोगों का जमावड़ा लगने लगा। देर रात तक लोगों ने झांकी के दर्शन किए। इस बार झांकी में गिरिराज का गोलोक में प्राकट्य और पुलस्त्य ऋषि का उन्हें द्रोणाचल के पुत्र रूप में प्राप्त करना, देवताओं द्वारा उनका पूजन व परिक्रमा करना, पुलस्त्य का गिरिराज को श्राप देना, बृजवासियों की और से गिरिराज पूजन, गोवर्धन धारण सहित कई लीलाएं साकार की गई। आयोजन से जुड़े रजनी रमन शर्मा के अनुसार जन्माष्टमी का तीन दिवसीय उत्सव 26 से 28 अगस्त तक मनाया जाएगा।

राधा-कृष्ण जोड़ी ने मन मोहा
जन्माष्टमी के अवसर पर शहर में नन्हे-मुन्ने बालकों ने कृष्ण-राधिका का स्वरूप धरा। छोटे-छोटे कान्हा बने बालकों ने हर किसी का मन मोह लिया। शाम ढलने के साथ ही यह बाल-गोपाल, राधा अपने-अपने परिवारजनों के साथ शहर में निकले तो हर कोई उन्हें निहारने लगा। उधर, पर्व को लेकर दिनभर बाजारों में जबर्दस्त भीड़ रही।

नंदोत्सव मनाया जाएगा
मंगलवार को घरों और मंदिरों में नंदोत्सव मनाया जाएगा। कई मंदिरों से शोभायात्रा निकालेगी। नंदोत्सव पर श्रद्धालुओं को पंचामृत और पंजीरी का प्रसाद वितरित किया जाएगा।

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