बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज।
“बोलो-बोलो दुर्गा मां की जय। आसछे बोचोर आबार होबे, मायर सोंगे देखा होबे। …अगले वर्ष फिर पूजा होगी, फिर माँ के संग साक्षात्कार होगा…बोलो दुर्गा मां की जय…शनिवार को भारी मन के साथ जब दुर्गा माता की विदाई हुई, तो श्रद्धालुओं की आंखे भर आई। भराए गले से जयकारे लगाते हुए गाजे-बाजे के साथ मां दुर्गा को विदा किया। साथ ही अगले साल मां को वापस आने का आग्रह भी किया। अवसर था दुर्गापूजा की पूर्णाहुति पर देवी प्रतिमाओं के विसर्जन का। शहर में संसोलाव तालाब, देवी कुंड सागर सहित तालाबों पर देवी प्रतिमाओं का विधविधान के साथ विसर्जन किया गया। शहर में कई स्थानों पर दुर्गापूजा महोत्सव चल रहा था। आज दशमी के दिन सुबह पुष्पांजिल पूजा-अर्चना करने के बाद प्रसाद का वितरण किया गया। अपराह्न बाद में गाजे-बाजे के साथ जब मां की सवारी निकली तो माहौल भक्तिमय हो गया।
यहां सजे थे मां के दरबार
भीतरी परकोटा में तेलीवाड़ा सर्राफा बाजार, मोहता चौक, लखोटिया चौक, बेनीसर बारी, नत्थूसर गेट के अंदर, सूरदासाणी गली, सदाफतेह के समीप देरासरी निवास सहित स्थानों पर देवी माता का दरबार सजा था। जहां से आज विसर्जन के लिए गाजे-बाजे के साथ मां की सवारी रवाना हुई।
बंगाली परम्परा निभाई
रानी बाजार की शर्मा कॉलोनी स्थित बंगाली समाज संस्थान मंदिर में आज बंगाल की तर्ज पर ही पूजा महोत्सव का समापन हुआ। सुबह मां की पूजा अर्चना के बाद दोपहर को महिलाओं ने सिन्दुर खेला की परम्परा को निभाया। इसमें एक सरीखे वस्त्र धारण किए महिलाओं ने एक दूसरे के माथे और चेहरे पर सिन्दुर लगाया। इससे पहले मां को सिन्दुर सहित शृंगार सामग्री भेंट की। मां के सिन्दुर अर्पित किया, मां के भोग लगाया और परिक्रमा निकाली। शंखनाद किया। इसके बाद एक दूसरे के सिन्दुर लगाने की रस्म अदा की। प्रसाद का वितरण हुआ। कार्यक्रम में बीकानेर बंगाली समाज के लोगों ने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। संस्था सचिव संदीप साह ने बताया कि अपराह्न बाद पूरी विध विधान से मां की प्रतिमा का देवीकुंड सागर में विसर्जन किया गया।
शहर में यहां निभाई परम्परा
भीतरी परकोटे में सदाफतेह के समीप स्थित विष्णु देरासरी के निवास पर चल रहे दुर्गा पूजा महोत्सव की पूर्णाहुति भी आज हुई। इससे पहले दोपहर में यहां भी बंगाली परम्परा केअनुसार सिन्दुर खेला की रस्म हुई। इसके बाद नाचते-गाते हुई मां की प्रतिमा को विदाई दी। आयोजन से जुड़े अभिषेक देरासरी ने बताया कि इस बार बंगाल के कृष्णा नगर से प्रतिमा बनवाई थी, जिसका विसर्जन संसोलाव तालाब में किया गया। इसके अलावा रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र में भी पूजा महोत्सव मनाया गया।