Saturday, November 23

बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज।

नोखा दैया श्रीकोलायत ने खेजड़ी के संरक्षण की मांग को लेकर दिया जा रहा धरना आज 86 वें दिन भी जारी रहा। इसके समर्थन में आज पर्यावरण संघर्ष समिति के तत्वावधान में पर्यावरण बचाओ न्याय यात्रा के एक रथ को रवाना किया गया। साथ ही बिश्नोई धर्मशाला में एक प्रेस वर्ता का आयोजन किया गया। इसमें शामिल हुए वक्ताओं ने खेजड़ी की महत्ता पर प्रकाश डाला। सुभाष बिश्नोई ने कहा कि  यह एक संवेदनशील विषय है।  

राजस्थान राज्य एक मरूस्थलीय प्रदेश है, जहां पर विषम भौगोलिक परिस्थितियाँ यथा भीषण गर्मी अत्यधिक सर्दी एवं वर्षाभाव आदि के कारण बहुत कम प्राकृतिक वृक्ष पनप पाते है। प्राय देखने में आया है कि राजस्थान का राज्य वृक्ष खेजड़ी को बड़ी संख्या में काटा गया है। खेजड़ी का वृक्ष थार रेगिस्तान में उगने वाली वनस्पतियों में एक अति महत्वपुर्ण है। यह थार मरूस्थल के निवासियो की संस्कृति का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि आज जो रथ रवाना किया है, उसका उद्देश्य गांव-गांव जाकर खेजड़ी बचाने का संदेश देना है। ताकि पर्यावरण को बचाया जा सके। उन्होंने रोष जताते हुए कहा कि राजस्थान के पश्चिमी जिले बीकानेर, फलोदी, जैसलमेर, बाडमेर, सहित कई स्थान पर ग्रीन एनर्जी के नाम पर सोलर प्लांटो के अंदर आने वाले पेड़ो को बड़ी संख्या में कटाई की जा रही है।

महज बीकानेर जिले की ही बात करे तो यहां पर एक बीधा जमीन में कम से कम दो पेड़ आते है, इस लिहाज से 30 सोलर प्लांटों के अन्दर लगभग 60000 (साठ हजार) बीघा जमीन ली गई जिसमें दो पेड़ के हिसाब से 120000 (एक लाख बीस हजार) पेड़ों को जमीदोंज कर दिया गया है। समिति की ओर से उन्होंने मांग उठाई है कि राजस्थान में  पेड़ो को बचाने के लिए एक ठोस कानून राजस्थान वृक्ष अधिनियम बनाए इसको लेकर के पर्यावरण प्रेमी 18 जुलाई से नोखादैया व जयमलसर की रोही में अनिश्चतकालीन धरने पर बैठे है आज तिथि तक धरना 86 वें दिन भी जारी है। लेकिन इस मसले को लेकर सरकार की ओर से कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाए हैं।

समिति के पदाधिकारियों ने दुबई का उदहारण देते हुए कहा कि वहां पर विकास हुआ है, लेकिन पर्यावरण के मामले में बहुत सख्त कानून बनाए गए हैं। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि ट्री एक्ट राजस्थान में बने जिसमें राज्य वृक्ष खेजड़ी को काटने पर दुबई की तर्ज पर कठोर कानून हो बाकी सभी मरुस्थलीय वन संपदा को सुरक्षित रख कर विकास कार्य हो पर्यावरण संरक्षण की नियमों में कोई ढिलाई नहीं बरते। बिश्नोई ने चेतावनी दी है कि अगर सोलर कंपनी काम करे तो मोजूदा स्थिति में एक भी खेजड़ी पेड़ सहित किसी अन्य पेड़ को भी बिना नुकसान पहुंचाए अपना काम करें।

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