बीकानेर, राजस्थान पल्स न्यूज़
अभियांत्रिकी महाविद्यालय बीकानेर के कार्मिकों की वेतन वृद्धि नहीं करने तथा नवीन निविदा निकालने के एक आर्डर के खिलाफ आज कॉलेज के सारे कार्मिक लामबंद हो गए। इन कर्मचारियों ने महाविद्यालय के प्राचार्य का घेराव किया तथा जमकर नारेबाजी की। इसके बाद हरकत में आए कॉलेज प्रशासन ने वेतन वृद्धि करने व नई निविदा नहीं निकलने का आश्वासन दिया तब जाकर मामला शांत हुआ।
दरअसल बीकानेर इंजीनियरिंग कॉलेज प्राचार्य डॉ ओमप्रकाश जाखड द्वारा स्थापना वर्ष से श्रम आपूर्तिकर्ता के माध्यम से कार्यरत कार्मिकों के प्रतिवर्ष की भांति 5 प्रतिशत की वेतन बढ़ोतरी की अनुमोदन हेतु पत्र बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय को भेजा गया था। लेकिन वित्त नियन्त्रक, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा कार्मिकों की बीओजी में अनुमोदित 5 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी के संबंध में जारी होने वाले आर्डर में वेतन बढ़ोतरी के बजाय वित्त नियंन्त्रक द्वारा न्यूनतम वेतन पर कार्मिकों की नवीन निविदा करने और महाविद्यालय में स्वीकृत पदों के अनुसार कार्मिकों संख्या कम करने का आर्डर जारी कर दिया गया। जो कि महाविद्यालय में 15-22 वर्षों से कार्यरत कार्मिकों के हितों पर कुठाराधात था।
इससे सभी कर्मचारी उग्र हो गए। महाविद्यालय के अशैक्षणिक कार्मिकों को उक्त पत्र की भनक लगते ही अभियांत्रिकी महाविद्यालय अशैक्षणिक संघ के अध्यक्ष कर्मचारी संतोष पुरोहित की अगुवाई में समस्त कार्मिकों द्वारा वित्त नियंन्त्रक बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा नवीन निविदा करने और महाविद्यालय में स्वीकृत पदों के अनुसार कार्मिकों संख्या कम करने का आर्डर तुरंत प्रभाव से निरस्त करने हेतु घेराव किया गया। कार्मिकों के भंयकर आक्रोश को देखते हुऐ कुलपति द्वारा कर्मचारी नेता संतोष पुरोहित से फोन पर बात कर उक्त आदेश को निरस्त करने एवं 5 प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी का आदेश जारी करने का आवश्वासन देने के उपरांत कार्मिकों आक्रोश ठंडा हुआ और वित्त नियंत्रक द्वारा भी तुरंत नवीन आदेश जारी करने का आवश्वासन देने के बाद कार्मिक पुन:महाविद्यालय में आकर अपना दैनिक कार्य प्रारम्भ किया।
ये रहे घेराव में मौजूद
इस घेराव में दिनेश पारीक, जयकिशन पुरोहित, रामकिशन गोदारा, रविशंकर जोशी, नरेन्द्र व्यास, अमित सिंह, नरेन्द्र आचार्य, सुरेन्द्र जाखड आदि समस्त कार्मिकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। जिस कारण विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कार्मिकों के उपर होने वाले कुठाराघात वाले आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने का आश्वासन दिया गया।