भीलवाड़ा, राजस्थान पल्स न्यूज।
आमतौर नौकरी लगने, कोई बीमारी से निजात मिलने, परीक्षा में पास होने सरीखे मन्नतें तो लोग भगवान से मांगते सुना था। लेकिन भीलवाड़ा के सोला का खेड़ा गांव के ग्रामीणों की मन्नत भी अनुठी थी। लोगों ने गांव में स्कूल खोलने की मन्नत मांगी थी, जब मनोकामना पूरी हो जाएगी, तो उपवास रखकर पदयात्रा करने का संकल्प भी लिया था। अब कुछ समय बाद स्कूल भी खुल गया है, ग्रामीणों की मनोकामना पूरी हो गई। ऐसे में अब ग्रामीण गाजे-बाजे और डीजे पर नाचते गाते मंदिर पहुंच गए और भगवान का शुक्रिया अदा किया है।
भीलवाड़ा के प्रसिद्ध कोटड़ी चारभुजा नाथ मंदिर में देश-दुनिया से लोग अपनी मनोकामना पूरी करने आते हैं। इस समय सोला का खेड़ा गांव के ग्रामीणों की यह मन्नत चर्चा का विषय बनी हुई है। आगे बच्चों की पढ़ाई में बाधा नहीं आए यह भी कामना की। इस युग में अपने लिए तो हर कोई मन्नत मांगता है. लेकिन यहां पूरे ग्रामीणों ने बच्चों की पढ़ाई के लिए मन्नत मांगी और पूरी होने पर 15 किलोमीटर लम्बी पदयात्रा करते हुए चारभुजा मंदिर पर गए।
पढ़ाई के लिए करते थे दो किमी का सफर
सोला का खेड़ा गांव कोटडी उपखंड क्षेत्र के गहुली पंचायत में है। गांव पहले के राजकीय प्राथमिक स्कूल को राज्य सरकार के आदेश पर, गहुली ग्राम पंचायत मुख्यालय के स्कूल में मिला दिया गया था। स्कूल के मर्ज होने के बाद 8 साल से बच्चों को परेशानी हो रही थी। मजबूरी में बच्चे पढ़ने के लिए गांव से 2 किलोमीटर दूर जाते थे। ऐसे में बरसात के दिनों में स्कूल जाने वाले रास्ते में परेशानी आती थी। बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावक बहुत चिंतित रहते थे। एक दिन सभी अभिभावकों ने मिलकर एक बैठक की और फैसला लिया की अपने आराध्य देव मेवाड़ के सुप्रसिद्ध धाम श्री कोटड़ी श्याम से स्कूल बनने की मन्नत मांगेंगे। ऐसा पहली बार हुआ की अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को छोड़कर भक्तों ने अपने प्रभु के चरणों में अपनी मांग रखी, कुछ दिनों के बाद गांव में स्कूल के दुबारा खुलने का आदेश आ गया। सोला का खेड़ा में राजकीय प्राथमिक विद्यालय को दुबारा शुरू किया गया है। मन्नत पूरी होने पर गांव में जश्न का माहौल है। महिलाओं ने भी विद्यालय परिसर में एकत्रित होकर सरस्वती माता की आरती की और मंगल गीत गाए।