Friday, November 22

बांसवाड़ा। Rajasthan Pulse News

देश के तीन राज्यों के बाद राजस्थान में भी सोने के भंडार मिले हैं। इस कड़ी में प्रदेश अब चौथा राज्य बन चुना है। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में सोने की खदान मिली है। सरकार ने नीलामी प्रक्रिया पूरी कर ली है। बांसवाड़ा के भूकिया-जगपुरा खनन ब्लॉक में प्रक्रिया शुरू की गई है। ऑनलाइन हुई निविदा प्रक्रिया में इसका लाइसेंस रतलाम की सैयद ओवैस अली फर्म को मिला है। राजस्थान देश के उन चुनिंदा चार राज्यों में शुमार हो गया है, जहां पर स्वर्ण भंडार है। एक अनुमान के अनुसार आने वाले समय में यह देश के 25 प्रतिशत स्वर्ण की आपूर्ति करेगा।

खनन के लिए जारी हुआ लाइसेंस
बांसवाड़ा के घाटोल ब्लॉक में खदान के लिए दो ब्लॉक भूकिया-जगपुरा आवंटित किए गए थे। गत दिनों दोनों ब्लॉक के लिए तकनीकी बिड खुलने के साथ ही स्वर्ण खनन के लिए लाइसेंस दे दिया गया है। भूकिया-जगपुरा स्वर्ण ब्लॉक के माइनिंग लाइसेंस के लिए देश की चार से अधिक बड़ी कंपनियों के बीच कड़ी स्पर्धा रही।

लाइसेंस के लिए 5 कंपनियां आईं
राजस्थान के बांसवाड़ा में स्वर्ण खनन के लिए आवंटित दो ब्लॉक में से मुखिया जगपुरा के लिए लाइसेंस दे दिया गया है। जबकि, दूसरे ब्लॉक कांकरिया गारा गोल्ड के कंपोजिट लाइसेंस के लिए पांच कंपनियां सामने आई हैं, इसमें अहमदाबाद की हीराकुंड नेचुरल रिसोर्सेस लिमिटेड, मुंबई की पोद्दार डायमंड प्राइवेट लिमिटेड, रतलाम की ओवैस मेटल एंड मिनरल्स प्रोसेसिंग लिमिटेड, उदयपुर की हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड और कानपुर की जेके सीमेंट लिमिटेड में प्रतिस्पर्धा हैं।

रोजगार के मिलेंगे अवसर
बांसवाड़ा जिले में स्वर्ण खनन से इलेक्ट्रॉनिक, पेट्रोलियम, पैट्रोकैमिकल्स, बैटरी, एयर बैग सहित कई उद्योगों में नए निवेश के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अप्रत्याशित अवसर विकसित होंगे।

भू-वैज्ञानिकों की माने तो इस क्षेत्र में 940.26 हैक्टेयर क्षेत्रफल में 113.52 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क का आरंभिक आंकलन किया गया है, जिसमें सोने के धातु की मात्रा 222.39 टन आंकी गई है। कांकरिया गारा में 205 हेक्टेयर में 1.24 मिलियन टन स्वर्ण अयस्क संभावित है। खास बात यह है कि इस खादान में सोने के साथ अन्य सह खनिज भी निकलेंगे।

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