Saturday, September 21

पुष्कर, राजस्थान पल्स न्यूज

अगर आप राजस्थान की कला और संस्कृति को करीब से जानना और देखना चाहते है तो अगले महीने राजस्थान आने की तैयारी कर लीजिए। अजमेर से करीब 15 किलोमीटर दूर विश्व विख्यात तीर्थ नगरी पुष्कर के रेगिस्तान में बड़ा मेला लगने वाला है, जिसकी तारीखों की घोषणा हो गई है। कार्तिक महीने में लगने वाला पुष्कर मेला 2 नवंबर 2024 से शुरू हो जाएगा।

श्रीपुष्कर पशु मेले को लेकर दुनियाभर के सैलानियों में उत्साह रहता है। 2 नवंबर से शुरू हो रहे मेले के लिए पुष्कर की होटल, होम स्टे और गेस्ट हाउस अभी से बुक होना शुरू हो गए हैं। यूरोपियन सैलानी बड़े होटल-रिसोर्ट बुक करा रहे हैं। टूर एंड ट्रैवल्स कंपनियां मेले को लेकर पैकेज दे रही हैं, जिनमें फ्लाइट बुकिंग से लेकर होटल रिसोर्ट, फूड आदि सब कुछ शामिल हैं। यहां पशुओं की बड़ी संख्या में खरीद फरोख्त होती है, जिसका आंकड़ा करोड़ों रुपये में चला जाता है। आइए जानते हैं पुष्कर पशु मेला क्यों भरता है और इसे जुड़ी क्या मान्यताएं हैं।

मेले में 60 से ज्यादा देशों के सैलानी आते है
पुष्कर मेला आगामी 2 नवंबर से 17 नवंबर तक चलेगा। 9 नवंबर को ध्वजा रोहण के साथ पुष्कर पशु मेले की विधिवद शुरुआत होगी। मेले को लेकर प्रशासनिक अधिकारी, पशु पालन और पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं
करीब 15 दिनों के मेले में 60 से ज्यादा देशों के सैलानी रेगिस्तानी जहाज (ऊंट) और घोड़ों के करतब देखने आते हैं। मेले के दौरान ऊंट और घोड़ों की कई प्रतियोगिता होगी। मेले से टूर एंड ट्रैवल्स, स्थानीय बाजार, होटल रिसोर्ट, रेस्तरां, पशुपालकों आदि की करोड़ों की कमाई होती है।

मेले में कई प्रदर्शनिया, 17 को होगा समापन
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने बताया- 2 नवंबर कार्तिक शुक्ल एकम से 17 नवंबर मार्गशीष कृष्णदूज तक श्रीपुष्कर पशु मेला होगा। 2 नवंबर को मेला ऑफिस स्थापित होगा। 4 नवंबर को चौकियों की स्थापना होगी। 9 नवंबर को ध्वजारोहण के साथ मेला परवान चढ़ेगा। 12 नवंबर को विकास और गिर प्रदर्शनी लगेगी। 9 से 14 नवंबर तक प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 12 से 14 नवंबर तक पशु प्रतियोगिताएं होंगी। 15 नवंबर को पुरस्कार वितरण समारोह होगा। 17 नवंबर को मार्गशीष दूज के साथ मेला समापन होगा।

15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा महास्नान
आगामी 9 नवंबर को झंडा चढ़ने के साथ धार्मिक मेला शुरू होगा। इसी दिन एकादशी और पंचतीर्थ स्नान साधु संतो के साथ होगा, जबकि 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा महास्नान होगा। धार्मिक मेले में देशभर से 13 अखाड़ों के साधु-संत जुटेंगे। देशी सैलानियों का भी सर्वाधिक आगमन इसी दौरान होगा। साधु संतों के स्नान से पहले पुष्कर तीर्थ नगरी के विभिन्न मार्गो से साधु संतों की धार्मिक यात्राएं भी निकाली जाती हैं। इस धार्मिक यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस जाप्ता भी बड़ी संख्या में तैनात रहता है।

70 से 80 लाख रुपये में मेले का आयोजन
‘पर्यटन विभाग द्वारा मेले में शिल्पग्राम, सांस्कृतिक कार्यक्रम, खेलकूद प्रतियोगिताएं होंगी। इसके लिए राज्य सरकार से 70 लाख रुपये का बजट मांगा गया है। मेले के दौरान देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए क्रिकेट मैच, फुटबाल, रस्साकसी, सतोलिया और कबड्‌डी मैच का आयोजन होता है। ऊंट-घोड़ों की सजावट, नृत्य आदि की प्रतियोगिताएं होंगी। सैलानियों के लिए मूंछ, टरबन, दुल्हा-दुल्हन बनो, रंगोली, मांडना जैसी कई प्रतियोगिताएं भी मेले का हिस्सा होती हैं।

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