अजमेर, राजस्थान प्लस न्यूज।
प्रदेश में अब प्रतियोगी परीक्षाओं में धांधली को रोकने की कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए RPSC अब बायोमेट्रिक सिस्टम लागू कर रही है। आयोग इन परीक्षाओं में हो रही नकल को रोकने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। इससे पहले आरपीएससी ने अयोग्य अभ्यर्थियों को लेकर हाईकोर्ट जाने का निर्णय किया था, जिसके बाद अब उसने परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों पर लगाम लगाने का निर्णय किया है। इसके लिए वह बायोमेट्रिक सिस्टम की मदद लेने जा रहा है, जिसे वह अभ्यर्थियों के इंटरव्यू वेरिफिकेशन के दौरान ट्रायल बेसिस पर लागू करने जा रहा है। राजस्थान लोक सेवा आयोग की बायोमेट्रिक सिस्टम की योजना को केंद्रीय मंत्रालय ने भी मंजूरी दे दी है।
ऐसे होगी असली-नकली की पहचान
परीक्षा में डमी कैंडिडेट के बढ़ते दखल के कारण आपीएससी इस कदम को उठा रही है जिससे परीक्षा में बैठने वाले छात्रों में इसका डर बना रहे। आरपीएससी का यह प्रयास सफल रहा तो आयोग के लिए हर आगामी प्रतियोगी परीक्षा में डमी अभ्यर्थियों की पहचान करना आसान हो जाएगा। क्योंकि इस सिस्टम के जरिए परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थी का रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड की तरह होता है.
यूं मिलेगी एंट्री
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए आयोग सचिव ने बताया कि बायोमेट्रिक सिस्टम आधार कार्ड धारक की पहचान सत्यापित करने के लिए ऑनलाइन उपस्थिति रजिस्टर की तरह है। इसमें उंगली, चेहरे, आंखों की पुतलियों के बायोमेट्रिक्स लिए जाते हैं। अभ्यर्थी जब किसी भी परीक्षा के लिए आवेदन करने के लिए साइट पर जाएंगे और वन टाइम रजिस्ट्रेशन करेंगे, उस समय उन्हें एसएसओ पोर्टल में अपना आधार कार्ड नंबर, जन्मतिथि सहित तमाम जानकारियां देनी होंगी। उसके बाद जब छात्र परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र पर पहुंचेगा तो उसे वहां पर बायोमेट्रिक मशीन पर अपने अंगूठे का निशान स्कैन करना होगा, इसके बाद अगर अभ्यर्थी की तरफ से आवेदन में दी गई सभी जानकारी सही पाई जाती है तो उसे परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा ,वरना परीक्षा केंद्र में मौजूद स्टाफ के जरिए उसे डमी कैंडिडेट मानते हुए धर दबोच लिया जाएगा।